प्रतिपदार्थ(Antimatter) से ऊर्जा के निर्माण का सिद्धांत अत्यंत सरल है। पदार्थ(matter) : साधारण पदार्थ जो हर जगह है। नाभिक मे धनात्मक प्रोटान और उदासीन न्युट्रान, कक्षा मे ऋणात्मक इलेक्ट्रान से निर्मित। प्रतिपदार्थ(Antimatter) : इसके गुणधर्म पदार्थ के जैसे ही है … पढ़ना जारी रखें प्रतिपदार्थ(Antimatter) से ऊर्जा
अलबर्ट आइन्स्टाइन ने 1905 में “विशेष सापेक्षतावाद(Theory of Special Relativity)” तथा 1915 में “सामान्य सापेक्षतावाद(Theory of General Relativity)” के सिद्धांत को प्रस्तुत कर भौतिकी की नींव हीला दी थी। सामान्य सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार न्युटन के गति के तीन नियम(Newtons laws of motion) पूरी तरह से सही नहीं है, जब किसी पिंड की गति प्रकाश गति के समीप पहुंचती है वे कार्य नहीं करते है। साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार न्युटन का गुरुत्व का सिद्धांत भी पूरी तरह से सही नहीं है और वह अत्याधिक गुरुत्वाकर्षण वाले क्षेत्रो में कार्य नहीं करता है।
हम सापेक्षतावाद को विस्तार से आगे देखेंगे, अभी हम केवल न्युटन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत तथा साधारण सापेक्षतावाद सिद्धांत के मध्य के अंतर को देखेंगे। ये दोनों सिद्धांत कमजोर गुरुत्वाकर्षण के लिए समान गणना करते है , यह एक सामान्य परिस्तिथी है जो हम रोजाना देखते और महसूस करते है। लेकिन निचे तीन उदाहरण दिए है जिसमे इन दोनों सिद्धांतो की गणनाओ में अंतर स्पष्ट हो जाता है। पढ़ना जारी रखें “सापेक्षतावाद सिद्धांत : परिचय”
अब तक हमने सभी मूलभूत कणो और मूलभूत बलों की जानकारी प्राप्त की है। क्या इसका अर्थ है कि इसके आगे जानने के लिये कुछ भी शेष नही है ?
नही! हमारी वर्तमान भौतिकी अधूरी है, हमारे पास ऐसे बहुत से प्रश्न है, जिसका कोई उत्तर नही है। हमारा सबसे सफल सिद्धांत ’स्टैंडर्ड माडेल’ अपूर्ण है, इसके विस्तार की आवश्यकता है।
स्टैन्डर्ड माडेल से आगे
स्टैन्डर्ड माडेल “पदार्थ की संरचना और उसके स्थायित्व” के अधिकतर प्रश्नो का उत्तर छः तरह के क्वार्क , छः तरह के लेप्टान और चार मूलभूत बलो से दे देता है। लेकिन स्टैडर्ड माडेल सम्पूर्ण नही है, इसके विस्तार की संभावनायें है। वर्तमान मे स्टैण्डर्ड माडेल के पास सभी प्रश्नो का उत्तर नही है, इसके समक्ष बहुत से अनसुलझे प्रश्न है।
जब हम ब्रह्माण्ड का निरीक्षण करते है तब हम पदार्थ ही दिखायी देता है, प्रतिपदार्थ नही। क्या पदार्थ और प्रतिपदार्थ की मात्रा समान नही है, क्यों ? क्या इन दोनो के मध्य सममीती नही है? क्यों ?
प्रति-पदार्थ ?
श्याम पदार्थ(dark matter) क्या है? उसे हम देख नही सकते है लेकिन उसके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव को देख सकते है, ऐसा क्यों ?
स्टैन्डर्ड माडेल किसी कण के द्रव्यमान की गणना करने मे असमर्थ क्यों है?
क्या क्वार्क और लेप्टान मूलभूत कण है ? या वे भी और छोटे घटक कणो से बने है ?
क्वार्क और लेप्टान की ठीक ठीक तीन पीढ़ी क्यों है ? चार या दो क्यों नही ?
आइंस्टाइन के सामान्य सापेक्षतावाद के सिद्धांत के कुछ पूर्वानुमान लगभग 100 वर्ष पश्चात प्रमाणित हो रहे है। 20 अप्रैल 2004 को डेल्टा 2 राकेट से एक अंतरिक्ष उपग्रह ग्रेवीटी प्रोब बी (गुरुत्वाकर्षण जांच बी) का प्रक्षेपण किया गया था। यह अभियान नासा का सबसे लंबे अंतराल तक चलने वाला अभियान है। इस अभियान की शुरूवात 1959 मे ही हो गयी थी जब एम आई टी के प्रोफेसर जार्ज पग ने इस अभियान की परिकल्पना की थी। लगभग 50 वर्ष तथा 75 करोड डालर के खर्च के बाद इस अभियान को सफलता मिली है।
प्रकृति(१) ने इस ब्रह्माण्ड मे हर वस्तु युग्म मे बनायी है। हर किसी का विपरीत इस प्रकृति मे मौजूद है। भौतिकी जो कि सारे ज्ञान विज्ञान का मूल है, इस धारणा को प्रमाणिक करती है। भौतिकी की नयी खोजों ने सूक्ष्मतम स्तर पर हर कण का प्रतिकण ढूंढ निकाला है। जब साधारण पदार्थ का कण प्रतिपदार्थ के कण से टकराता है दोनो कण नष्ट होकर ऊर्जा मे परिवर्तित हो जाते है।
प्रतिपदार्थ की खोज ने शताब्दीयों पुरानी धारणा जो पदार्थ और ऊर्जा को भिन्न भिन्न मानती थी की चूलें हिला दी। अब हम जानते है कि पदार्थ और ऊर्जा दोनो एक ही है। ऊर्जा विखंडित होकर पदार्थ और प्रतिपदार्थ का निर्माण करती है। इसे सरल गणितिय रूप मे निम्न तरिके से लिखा जा सकता है
पदार्थ और प्रतिपदार्थ (हायड्रोजन और प्रति हायड्रोजन)