2025 भौतिकी नोबेल पुरस्कार: जॉन क्लार्क(John Clarke), मिशेल एच. डेवोरेट (Michel H. Devoret) और जॉन एम. मार्टिनिस(John M. Martinis)


रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस को “इलेक्ट्रिक सर्किट में मैक्रोस्कोपिक क्वांटम मैकेनिकल टनलिंग और ऊर्जा क्वांटाइजेशन की खोज के लिए” 2025 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया है। पढ़ना जारी रखें 2025 भौतिकी नोबेल पुरस्कार: जॉन क्लार्क(John Clarke), मिशेल एच. डेवोरेट (Michel H. Devoret) और जॉन एम. मार्टिनिस(John M. Martinis)

2024 भौतिकी नोबेल पुरस्कार: जॉन जे. हॉपफील्ड(John J. Hopfield) और जेफ्री ई. हिंटन (Geoffrey E. Hinton)


रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने जॉन जे. हॉपफील्ड(John J. Hopfield) और जेफ्री ई. हिंटन (Geoffrey E. Hinton) को “कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क के साथ मशीन लर्निंग को सक्षम करने वाली मूलभूत खोजों और आविष्कारों के लिए” 2024 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया है।
इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं ने भौतिकी के उपकरणों का उपयोग करके ऐसे तरीके बनाए जो आज की शक्तिशाली मशीन लर्निंग की नींव रखने में सहायक रहे। जॉन हॉपफील्ड ने एक ऐसी संरचना बनाई जो सूचना को संग्रहीत और पुनर्निर्माण कर सकती है। जेफ्री हिंटन ने एक ऐसी विधि का आविष्कार किया जो डेटा में स्वतंत्र रूप से गुणों की खोज कर सकती है और जो अब उपयोग में आने वाले बड़े कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क के लिए महत्वपूर्ण हो गई है।

उन्होंने सूचना में पैटर्न खोजने के लिए भौतिकी का उपयोग किया

हम लोगो के पास अनुभव कि कंप्यूटर भाषाओं के बीच अनुवाद कर सकते हैं, छवियों की व्याख्या कर सकते हैं और यहां तक वे हमसे उचित बातचीत भी कर सकते हैं। शायद कम ही लोग जानते हैं कि इस तरह की तकनीक लंबे समय से शोध के लिए महत्वपूर्ण रही है, इस तकनीक में बड़ी मात्रा में डेटा को पहचानना और उसका विश्लेषण करना होता है। पिछले पंद्रह से बीस वर्षों में मशीन लर्निंग का विकास बहुत तेज़ी से हुआ है और इसमें आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क नामक संरचना का उपयोग किया जाता है। आजकल, जब हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात करते हैं, तो अक्सर हमारा मतलब इसी तरह की तकनीक से होता है। पढ़ना जारी रखें 2024 भौतिकी नोबेल पुरस्कार: जॉन जे. हॉपफील्ड(John J. Hopfield) और जेफ्री ई. हिंटन (Geoffrey E. Hinton)