2025 भौतिकी नोबेल पुरस्कार: जॉन क्लार्क(John Clarke), मिशेल एच. डेवोरेट (Michel H. Devoret) और जॉन एम. मार्टिनिस(John M. Martinis)


रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस को “इलेक्ट्रिक सर्किट में मैक्रोस्कोपिक क्वांटम मैकेनिकल टनलिंग और ऊर्जा क्वांटाइजेशन की खोज के लिए” 2025 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया है। पढ़ना जारी रखें 2025 भौतिकी नोबेल पुरस्कार: जॉन क्लार्क(John Clarke), मिशेल एच. डेवोरेट (Michel H. Devoret) और जॉन एम. मार्टिनिस(John M. Martinis)

कैरोलीन हर्शेल (1750-1848) – धूमकेतु की पहचान करने वाली पहली महिला


कैरोलीन हर्शेल (जन्म 16 मार्च, 1750,  हनोवर [जर्मनी] – मृत्यु 9 जनवरी, 1848, हनोवर) एक जर्मन मूल की ब्रिटिश खगोलशास्त्री थीं। उन्हें पहली पेशेवर महिला खगोलशास्त्री माना जाता है। अपनी कड़ी मेहनत के लिए कैरोलीन रॉयल सोसाइटी की सदस्यता से सम्मानित होने वाली पहली महिला थीं जोकि एक रूढ़िवादी संगठन था जिसमें तब तक केवल पुरुष सदस्य थे।

कैरोलीन ने अपने भाई सर विलियम हर्शेल के काम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने अकेले ही 1783 में दूरबीन से तीन नीहारिकाओं का पता लगाया और 1786 में वे धूमकेतु की खोज करने वाली पहली महिला बनीं ; अगले 11 वर्षों में उन्होंने सात अन्य धूमकेतुओं को देखा। पढ़ना जारी रखें कैरोलीन हर्शेल (1750-1848) – धूमकेतु की पहचान करने वाली पहली महिला

जर्मन खगोलशास्त्री मारिया विंकेलमैन : धूमकेतु की पहचान करने वाला पहली मानव


धूमकेतु की पहचान करने वाला पहली मानव मारिया विंकेलमैन थी, जो एक जर्मन खगोलशास्त्री थी, जिसका जन्म 25 फरवरी 1670 को जर्मनी के लीपज़िग के पास पैनिट्ज़ में हुआ था। हालांकि, मारिया के पति गॉटफ्रीड किर्च ने उनके शोध परिणामों को अपने नाम से बेशर्मी से प्रकाशित किया और कई साल बीत जाने के बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि वास्तव में सारा श्रेय मारिया को ही मिलना चाहिए। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि मारिया विंकेलमैन को अपने समय की सबसे प्रशंसित महिला शोधकर्ताओं में से एक माना जाता है। मंगलवार, 25 फरवरी को मारिया की 355वीं जयंती होगी। पढ़ना जारी रखें जर्मन खगोलशास्त्री मारिया विंकेलमैन : धूमकेतु की पहचान करने वाला पहली मानव

लिज़ मीटनर : एक भौतिक विज्ञानी जिसने कभी अपनी मानवता नहीं खोई।


लिज़ मीटनर( एलिस मीटनर, 7 नवंबर 1878 – 27 अक्टूबर 1968) एक ऑस्ट्रियाई-स्वीडिश भौतिक विज्ञानी थीं, जिन्होंने परमाणु विखंडन और प्रोटैक्टीनियम की खोजों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

1905 में अपने डॉक्टरेट शोध को पूरा करने के बाद, मीटनर भौतिकी में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाली वियना विश्वविद्यालय की दूसरी महिला बनीं। उन्होंने अपना अधिकांश वैज्ञानिक करियर बर्लिन में बिताया, जहाँ वे कैसर विल्हेम इंस्टीट्यूट फॉर केमिस्ट्री में भौतिकी की प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष थीं। वह जर्मनी में भौतिकी की पूर्ण प्रोफेसर बनने वाली पहली महिला थीं। नाजी जर्मनी के यहूदी विरोधी नूर्नबर्ग कानूनों के कारण 1935 में उन्होंने अपने पद खो दिए और 1938 के एंस्क्लस (जमर्नी द्वारा आस्ट्रिआ पर कब्जे ) के परिणामस्वरूप उनकी ऑस्ट्रियाई नागरिकता चली गई। 13-14 जुलाई 1938 को, वह डर्क कॉस्टर की मदद से नीदरलैंड चलीगईं। वह कई वर्षों तक स्टॉकहोम में रहीं, अंततः 1949 में स्वीडिश नागरिक बन गईं, लेकिन 1950 के दशक में परिवार के सदस्यों के साथ रहने के लिए ब्रिटेन चली गईं। पढ़ना जारी रखें लिज़ मीटनर : एक भौतिक विज्ञानी जिसने कभी अपनी मानवता नहीं खोई।

2024 भौतिकी नोबेल पुरस्कार: जॉन जे. हॉपफील्ड(John J. Hopfield) और जेफ्री ई. हिंटन (Geoffrey E. Hinton)


रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने जॉन जे. हॉपफील्ड(John J. Hopfield) और जेफ्री ई. हिंटन (Geoffrey E. Hinton) को “कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क के साथ मशीन लर्निंग को सक्षम करने वाली मूलभूत खोजों और आविष्कारों के लिए” 2024 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया है।
इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं ने भौतिकी के उपकरणों का उपयोग करके ऐसे तरीके बनाए जो आज की शक्तिशाली मशीन लर्निंग की नींव रखने में सहायक रहे। जॉन हॉपफील्ड ने एक ऐसी संरचना बनाई जो सूचना को संग्रहीत और पुनर्निर्माण कर सकती है। जेफ्री हिंटन ने एक ऐसी विधि का आविष्कार किया जो डेटा में स्वतंत्र रूप से गुणों की खोज कर सकती है और जो अब उपयोग में आने वाले बड़े कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क के लिए महत्वपूर्ण हो गई है।

उन्होंने सूचना में पैटर्न खोजने के लिए भौतिकी का उपयोग किया

हम लोगो के पास अनुभव कि कंप्यूटर भाषाओं के बीच अनुवाद कर सकते हैं, छवियों की व्याख्या कर सकते हैं और यहां तक वे हमसे उचित बातचीत भी कर सकते हैं। शायद कम ही लोग जानते हैं कि इस तरह की तकनीक लंबे समय से शोध के लिए महत्वपूर्ण रही है, इस तकनीक में बड़ी मात्रा में डेटा को पहचानना और उसका विश्लेषण करना होता है। पिछले पंद्रह से बीस वर्षों में मशीन लर्निंग का विकास बहुत तेज़ी से हुआ है और इसमें आर्टिफिशियल न्यूरल नेटवर्क नामक संरचना का उपयोग किया जाता है। आजकल, जब हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात करते हैं, तो अक्सर हमारा मतलब इसी तरह की तकनीक से होता है। पढ़ना जारी रखें 2024 भौतिकी नोबेल पुरस्कार: जॉन जे. हॉपफील्ड(John J. Hopfield) और जेफ्री ई. हिंटन (Geoffrey E. Hinton)

2023 भौतिकी नोबेल पुरस्कार : पियरे एगोस्टिनी(Pierre Agostini), फेरेंक क्रॉस्ज़(Ferenc Krausz) और ऐनी एल’हुइलियर(Anne L’Huillier)


रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने पियरे एगोस्टिनी, फेरेंक क्रॉस्ज़ और ऐनी एल’हुइलियर को “पदार्थ में इलेक्ट्रॉन गतिशीलता के अध्ययन के लिए प्रकाश के एटोसेकंड पल्स उत्पन्न करने वाले प्रयोगात्मक तरीकों के लिए” भौतिकी में नोबेल पुरस्कार 2023 देने का निर्णय लिया है। 3 अक्टूबर 2023 भारतीय समयानुसार दोपहर 3:15 को यह घोषणा की गई। पढ़ना जारी रखें 2023 भौतिकी नोबेल पुरस्कार : पियरे एगोस्टिनी(Pierre Agostini), फेरेंक क्रॉस्ज़(Ferenc Krausz) और ऐनी एल’हुइलियर(Anne L’Huillier)