अलबर्ट आइंस्टाइन

अल्बर्ट आइन्स्टाइन (Albert Einstein) : 20 वी सदी के महानतम वैज्ञानिक


मानव इतिहास के जाने-माने वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्स्टाइन (Albert Einstein) 20 वीं सदी के प्रारंभिक बीस वर्षों तक विश्व के विज्ञान जगत पर छाए रहे। अपनी खोजों के आधार पर उन्होंने अंतरिक्ष, समय और गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत दिये। वे सापेक्षता के … पढ़ना जारी रखें अल्बर्ट आइन्स्टाइन (Albert Einstein) : 20 वी सदी के महानतम वैज्ञानिक

LIGO ने दूसरी बार गुरुत्वाकर्षण तरंग देखने मे सफ़लता पायी


वैज्ञानिको ने दूसरी बार गुरुत्वाकर्षण तरंगो को पकड़ने मे सफ़लता पायी है। गुरुत्वाकर्षण तरंगे काल-अंतराल(space-time) मे उत्पन्न हुयी लहरे है, ये लहरे दूर ब्रह्माण्ड मे किसी भीषण प्रलय़ंकारी घटना से उत्पन्न होती है। वैज्ञानिको ने पाया है कि ये तरंगे पृथ्वी … पढ़ना जारी रखें LIGO ने दूसरी बार गुरुत्वाकर्षण तरंग देखने मे सफ़लता पायी

समय विस्तारण: पृथ्वी केंद्रक की आयु सतह से 2.5 वर्ष कम


’नेचर’ पत्रिका मे प्रकाशित शोधपत्र के अनुसार पृथ्वी के केंद्रक की आयु उसकी सतह की आयु से 2.5 वर्ष कम है। दोनो की आयु मे यह अंतर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव से उत्पन्न समय विस्तारण(Time Dilation) से आया है। इस … पढ़ना जारी रखें समय विस्तारण: पृथ्वी केंद्रक की आयु सतह से 2.5 वर्ष कम

गुरुत्वाकर्षण तरंग की खोज : LIGO की सफ़लता


लगभग सौ वर्ष पहले 1915 मे अलबर्ट आइंस्टाइन (Albert Einstein)ने साधारण सापेक्षतावाद का सिद्धांत(Theory of General Relativity) प्रस्तुत किया था। इस सिद्धांत के अनेक पुर्वानुमानो मे से अनुमान एक काल-अंतराल(space-time) को भी विकृत(मोड़) कर सकने वाली गुरुत्वाकर्षण तरंगो की उपस्थिति … पढ़ना जारी रखें गुरुत्वाकर्षण तरंग की खोज : LIGO की सफ़लता

सापेक्षतावाद सिद्धांत : परिचय


einsteenअलबर्ट आइन्स्टाइन ने 1905 में “विशेष सापेक्षतावाद(Theory of Special Relativity)” तथा 1915 में “सामान्य सापेक्षतावाद(Theory of General Relativity)” के सिद्धांत को प्रस्तुत कर भौतिकी की नींव हीला दी थी। सामान्य सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार न्युटन के गति के तीन नियम(Newtons laws of motion) पूरी तरह से सही नहीं है, जब किसी पिंड की गति प्रकाश गति के समीप पहुंचती है वे कार्य नहीं करते है। साधारण सापेक्षतावाद के सिद्धांत के अनुसार न्युटन का गुरुत्व का सिद्धांत भी पूरी तरह से सही नहीं है और वह अत्याधिक गुरुत्वाकर्षण वाले क्षेत्रो में कार्य नहीं करता है।

हम सापेक्षतावाद को विस्तार से आगे देखेंगे, अभी हम केवल न्युटन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत तथा साधारण सापेक्षतावाद सिद्धांत के मध्य के अंतर को देखेंगे। ये दोनों सिद्धांत कमजोर गुरुत्वाकर्षण के लिए समान गणना करते है , यह एक सामान्य परिस्तिथी है जो हम रोजाना देखते और महसूस करते है। लेकिन निचे तीन उदाहरण दिए है जिसमे इन दोनों सिद्धांतो की गणनाओ में अंतर स्पष्ट हो जाता है। पढ़ना जारी रखें “सापेक्षतावाद सिद्धांत : परिचय”

काल-अंतराल : साधारण सापेक्षतावाद और क्वांटम भौतिकी मे

स्ट्रींग सिद्धांत(String Theory) भाग 04 : क्वांटम भौतिकी और साधारणा सापेक्षतावाद


क्वांटम भौतिकी और साधारण सापेक्षतावाद दोनो आधुनिक भौतिकी के आधार स्तम्भ है। क्वांटम सिद्धांत जहाँ परमाणु और परमाणु से छोटे कणों से संबंधित है वहीं सापेक्षतावाद खगोलीय पिंडों के लिए है। सापेक्षतावाद के अनुसार अंतराल लचीला होता है जिसमे भारी पिंड वक्रता उत्पन्न कर सकते है, वहीं क्वांटम सिद्धांत मे अंतराल की व्याख्या करने के लिए एकाधिक मत है। क्वांटम भौतिकी मे अनिश्चितता और संभावना का प्रभाव रहता है, वहीं सापेक्षतावाद मे हर घटना निश्चित होती है। इतने सारे विरोधाभासों के बाद भी दोनो सिद्धांतों के पूर्वानुमान सटीक रहते है। वर्तमान मे इन दोनो सिद्धांतों पर आधारित उपकरणों पर संपूर्ण विश्व निर्भर करता है।

इसका अर्थ यह है कि क्वांटम भौतिकी और साधारण सापेक्षतावाद दोनो दो अलग अलग परिस्थितियों  मे कार्य करने वाले सिद्धांत है। दोनो का सह अस्तित्व संभव है। लेकिन क्या यह संभव है ? पढ़ना जारी रखें “स्ट्रींग सिद्धांत(String Theory) भाग 04 : क्वांटम भौतिकी और साधारणा सापेक्षतावाद”