
10 सरल क्वांटम भौतिकी: मूलभूत कणो का विनाश (Particle Anhilation)
इस श्रृंखला मे यह कई बार आया है कि जब भी एक कण अपने प्रति-कण से टकराता है, तब दोनो कणो का विनाश होकर ऊर्जा का निर्माण होता है। इस लेख मे इस प्रक्रिया को विस्तार से देखेंगे।
कणो का विनाश(particle anhilation) और कणो का क्षय(particle decay) दो अलग अलग प्रक्रिया है। कणो के क्षय मे एक मूलभूत कण एक या एकाधिक कण मे परिवर्तित हो जाता है। विनाश में पदार्थ कण और प्रतिपदार्थ कण एक दूसरे को नष्ट कर ऊर्जा में परिवर्तित हो जाते हैं। लेकिन दोनो प्रक्रियायें आभासी कणों(virtual partilces) के द्वारा ही होती है।

कण तथा प्रतिकण परस्पर प्रतिक्रिया करते हैं तथा अपने पूर्व रूप की ऊर्जा को अत्यंत ऊच्च ऊर्जा वाले बलवाहक कण(ग्लुआन,W/Z कण,फोटान) में परिवर्तित करते हैं। ये बल वाहक कण(force carrier partilcles) बाद में अन्य कणों में परिवर्तित हो जाते हैं।
अक्सर भौतिकशास्त्री प्रयोगशाला (कण त्वरक- Particle Acclerators जैसे CERN) मे दो कणों का अत्यंत ऊच्च ऊर्जा पर टकराव कर उनके विनाश से नये भारी कण बनाते हैं। इन्ही प्रक्रियायों से नये मूलभूत कणो की खोज होती है।
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