प्रतिपदार्थ(Antimatter) से ऊर्जा


प्रतिपदार्थ(Antimatter) से ऊर्जा के निर्माण का सिद्धांत अत्यंत सरल है। पदार्थ(matter) : साधारण पदार्थ जो हर जगह है। नाभिक मे धनात्मक प्रोटान और उदासीन न्युट्रान, कक्षा मे ऋणात्मक इलेक्ट्रान से निर्मित। प्रतिपदार्थ(Antimatter) : इसके गुणधर्म पदार्थ के जैसे ही है … पढ़ना जारी रखें प्रतिपदार्थ(Antimatter) से ऊर्जा

ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 10 : क्या प्रति-ब्रह्माण्ड(Anti-Universe) संभव है?


pic-antimatter-300x291सैद्धांतिक रूप से तथा प्रायोगिक रूप से यह प्रमाणित हो चुका है कि प्रति पदार्थ का अस्तित्व है। अब यह प्रश्न उठता है कि क्या प्रति-ब्रह्माण्ड का अस्तित्व संभव है ?

हम जानते है कि किसी भी आवेश वाले मूलभूत कण का एक विपरीत आवेश वाला प्रतिकण होता है। लेकिन अनावेशित कण जैसे फोटान (प्रकाश कण), ग्रैवीटान(गुरुत्व बल धारक कण) का प्रति कण क्या होगा?

कण और प्रतिकण मिल कर ऊर्जा बनाते है। फोटान और ग्रेवीटान जैसे कण बलवाहक कण होते है, इस कारण से वे स्वयं के प्रति कण हो सकते है। ग्रेवीटान कण स्वयं का प्रतिकण है क्योंकि गुरुत्वाकर्षण और प्रतिगुरुत्वाकर्षण एक ही है। प्रति पदार्थ को गुरुत्वाकर्षण/प्रतिगुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से नीचे ही गीरना चाहीये। जिस तरह गुरुत्व के प्रभाव से पदार्थ के कणो मे आकर्षण होता है, उसी तरह से प्रतिगुरुत्वाकर्षण से प्रति पदार्थ के कणो मे आकर्षण ही होगा। अर्थात गुरुत्वाकर्षण और प्रति गुरुत्वाकर्षण दोनो आकर्षण बल ही है।

(प्रतिगुरुत्वाकर्षण यह शब्द इस संदर्भ मे सही शब्द नही है। प्रतिकण एक दूसरे को साधारण कण की तरह आकर्षित करते है, यह एक अवधारणा है, अभी तक इसे प्रयोगशाला मे प्रमाणित नही किया गया है क्योंकि अब तक कुल निर्मित प्रतिपदार्थ १ ग्राम से भी कम है।)

पाल डीरेक का सिद्धांत दो मूल प्रश्नो का हल देने मे सक्षम है। यह दो मूल प्रश्न है:

  1.  प्रकृति द्वारा प्रतिपदार्थ के निर्माण का उद्देश्य क्या है?
  2.  क्या प्रति ब्रह्माण्ड का अस्तित्व हो सकता है ?

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पदार्थ और प्रतिपदार्थ (हायड्रोजन और प्रति हायड्रोजन)

ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 09 :प्रति पदार्थ(Anti matter)


प्रकृति(१) ने इस ब्रह्माण्ड मे हर वस्तु युग्म मे बनायी है। हर किसी का विपरीत इस प्रकृति मे मौजूद है। भौतिकी जो कि सारे ज्ञान विज्ञान का मूल है, इस धारणा को प्रमाणिक करती है। भौतिकी की नयी खोजों ने सूक्ष्मतम स्तर पर हर कण का प्रतिकण ढूंढ निकाला है। जब साधारण पदार्थ का कण प्रतिपदार्थ के कण से टकराता है दोनो कण नष्ट होकर ऊर्जा मे परिवर्तित हो जाते है।

प्रतिपदार्थ की खोज ने शताब्दीयों पुरानी धारणा जो पदार्थ और ऊर्जा को भिन्न भिन्न मानती थी की चूलें हिला दी। अब हम जानते है कि पदार्थ और ऊर्जा दोनो एक ही है। ऊर्जा विखंडित होकर पदार्थ और प्रतिपदार्थ का निर्माण करती है। इसे सरल गणितिय रूप मे निम्न तरिके से लिखा जा सकता है

पदार्थ और प्रतिपदार्थ (हायड्रोजन और प्रति हायड्रोजन)
पदार्थ और प्रतिपदार्थ (हायड्रोजन और प्रति हायड्रोजन)
  1. ऊर्जा = पदार्थ + प्रतिपदार्थ
  2. E=mc(E= ऊर्जा, m = पदार्थ का द्रव्यमान, c =प्रकाशगति) पढ़ना जारी रखें “ब्रह्माण्ड की संरचना भाग 09 :प्रति पदार्थ(Anti matter)”