मैरी क्यूरी : प्रथम महिला नोबेल पुरस्कार विजेता


पूरी दुनिया में ऐसे बहुत कम ही लोग होंगे, जिन्होंने मैडम क्यूरी/मैरी क्यूरी का नाम नहीं सुना होगा। मैडम क्यूरी को न केवल अब तक की सबसे महत्वपूर्ण महिला वैज्ञानिक होने का दर्जा दिया जाता है, बल्कि उन्हें आइंस्टाइन, न्यूटन, फैराडे, डार्विन जैसे असाधारण प्रतिभासंपन्न सर्वकालिक वैज्ञानिकों की फ़ेहरिस्त में भी शुमार किया जाता है। वे डॉक्टरेट की डिग्री हासिल करने वाली फ्रांस की पहली महिला थीं, और भौतिकी (फिजिक्स) में डॉक्टरेट की डिग्री पाने वाली विश्व की पहली महिला थीं। इसके अलावा पेरिस के सोरबोन यूनिवर्सिटी में लेक्चरर और प्रोफेसर के पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला थीं।

‘रेडियोएक्टिविटी’ शब्द का इस्तेमाल पहली बार उन्होंने ही किया था। उन्होंने रेडियम की खोज करके न्यूक्लियर फिजिक्स की राह बनाई और बाद में उनकी यह खोज कैंसर के इलाज में वरदान साबित हुई। वे दो बार नोबेल पुरस्कार जीतने वाली दुनिया की पहली शख्सियत थीं एवं रसायन विज्ञान (केमेस्ट्री) और भौतिकी दोनों ही क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार हासिल करने वाली अब तक इकलौती वैज्ञानिक हैं। वह पहली नोबेल विजेता मांं थीं, जिनकी बेटी को भी नोबेल पुरस्कार मिला। पढ़ना जारी रखें मैरी क्यूरी : प्रथम महिला नोबेल पुरस्कार विजेता

क्वांटम क्रान्ति (2022 भौतिकी नोबेल): किस तरह एन्टेंगलमेन्ट एक शक्तिशाली उपकरण बन गया है


क्वांटम विश्व विचित्र है। इसमें जो होता है वह रोजमर्रा के जीवन से अलग होता है, हमारी सहज बुद्धि कार्य नहीं करती है। जब दो कण एन्टेंगल्ड क्वांटम अवस्थाओं में होते हैं, उस समय यदि हम एक कण के किसी गुण को मापते है, तब हम बिना जाँच के तुरंत दूसरे कण पर उसी गुण के माप को निर्धारित कर सकते है।

जो चीज क्वांटम यांत्रिकी को इतना विचित्र बनाती है, वह यह है कि मापन/निरिक्षण से पहले तक किसी भी कण की कोई निर्धारित अवस्था नहीं होती है। यह ऐसा है कि दो धूसर गेंद में से एक गेंद का रंग तब तक धूसर नहीं होगा जब तक कि कोई उनमें से एक को न देख ले। इसमें एक गेंद अनियमित तरीके से काले रंग को ले सकती है या खुद को सफेद दिखा सकती है। दूसरी गेंद तुरंत विपरीत रंग में बदल जाती है।

लेकिन यह कैसे पता चल सकता है कि शुरुआत में प्रत्येक गेंद का एक निश्चित रंग नहीं था? भले ही वे धूसर दिखाई दें, शायद उनके अंदर एक छिपा हुआ लेबल था, जिसमें लिखा था कि जब कोई उन्हें देखेगा तो उन्हें किस रंग में दिखना चाहिए।

जब कोई नहीं देख रहा है तो क्या रंग मौजूद है ? पढ़ना जारी रखें क्वांटम क्रान्ति (2022 भौतिकी नोबेल): किस तरह एन्टेंगलमेन्ट एक शक्तिशाली उपकरण बन गया है

2022 भौतिकी नोबेल पुरस्कार : एलेन अस्पेक्ट(Alain Aspect), जॉन ऍफ़ क्लाउसर( John F. Clauser) और एंटन ज़िलिंगेर(Anton Zeilinger)


2022 भौतिकी नोबेल पुरस्कार क्वांटम मेकेनिक्स पर दिया गया है। यह पुरस्कार संयुक्त रूप से एलेन अस्पेक्ट(Alain Aspect), जॉन ऍफ़ क्लाउसर( John F. Clauser) और एंटन ज़िलिंगेर(Anton Zeilinger) को दिया गया है। पढ़ना जारी रखें 2022 भौतिकी नोबेल पुरस्कार : एलेन अस्पेक्ट(Alain Aspect), जॉन ऍफ़ क्लाउसर( John F. Clauser) और एंटन ज़िलिंगेर(Anton Zeilinger)

2022 की सबसे खूबसूरत तस्वीर : जेम्स वेब अंतरिक्ष वेधशाला(James Webb Space Telescope – JWST)


जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (James Webb Space Telescope – JWST) द्वारा ली गई इस चमकते तारे की तस्वीर को लेकर नासा (NASA) ने कहा कि दूरबीन के 18 षट्कोणीय दर्पण अब संरेखित(align) हो चुके हैं। वो एकसाथ काम कर रहे हैं, यानी वो अब 18 दर्पण मिल कर एक दर्पण बन चुके हैं। हमें जितनी उम्मीद थी, उससे कहीं ज्यादा बेहतर तस्वीरें मिल रही हैं। यह हैरान करने वाला और खुशी देने वाला है।

JWST की टीम ने कहा कि हमारी आकाशगंगा के दूसरे छोर पर मौजूद जिस नारंगी तारे (Orange Star) की तस्वीर जेम्स वेब टेलिस्कोप ने ली है, वह धरती से करीब 2000 प्रकाश वर्ष दूर है। इस तारे का नाम 2MASS J17554042+6551277है। इसकी दृश्य चित्र को बेहतर बनाने के लिए लाल फिल्टर का उपयोग किया गया था। ताकि तारे की चमक और अंतरिक्ष का अंधेरा आपस में ना मिलें। इस चमकते तारे के पीछे कई आकाशगंगाएं और तारे भी दिख रहे हैं। पढ़ना जारी रखें 2022 की सबसे खूबसूरत तस्वीर : जेम्स वेब अंतरिक्ष वेधशाला(James Webb Space Telescope – JWST)

विज्ञान : 2021 एक अवलोकन


2021 विज्ञान और तकनीक के विकास के लिए एक उल्लेखनीय वर्ष रहा है, इस वर्ष बहु प्रतीक्षित जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरबीन का प्रक्षेपण हुआ साथ ही मानव निर्मित यान ने सूर्य के प्रभामंडल को छूने मे मे सफलता पाई है। जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जाती है, नई-नई वैज्ञानिक खोज और नई अवधारणाओं के अस्तित्व में आने की गति भी बढ़ती जाती है।

प्रस्तुत है वर्ष 2021 में विज्ञान विश्व मे घटित घटनाओं, नई खोज और आविष्कार की एक सूची । पढ़ना जारी रखें विज्ञान : 2021 एक अवलोकन

जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरबीन ( JWST ) : मानव निर्मित समय यान


नासा की बहुप्रतीक्षित महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष दूरबीन “जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप(JWST)” 25 दिसंबर 2021 को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किये जाने की संभावना है। इस अंतरिक्ष दूरबीन से वैज्ञानिकों को काफी उम्मीदें हैं। वर्तमान में, नासा के हबल अंतरिक्ष दूरबीन को अंतरिक्ष में स्थापित अब तक का सबसे शक्तिशाली दूरबीन माना जाता है।

इसका असली नाम अगली पीढ़ी का अंतरिक्ष दूरदर्शी (Next Generation Space Telescope (NGST)) था, जिसका सन 2002 में नासा के द्वितीय प्रशासक जेम्स एडविन वेब (1906-1992) के नाम पर दोबारा नामकरण किया गया। जेम्स एडविन वेब ने केनेडी से लेकर ज़ोंनसन प्रशासन काल (1961-68) तक नासा का नेतृत्व किया था। उनकी देखरेख में नासा ने कई महत्वपूर्ण प्रक्षेपण किए, जिसमे जेमिनी कार्यक्रम के अंतर्गत बुध के सारे प्रक्षेपण एवं प्रथम मानव युक्त अपोलो उड़ान शामिल है।

यह आश्चर्य की बात नहीं है कि जेम्स वेब की तुलना हबल से की जाती है। यह माना जाता है कि यह दूरबीन हबल दूरबीन का उत्तराधिकारी है। यह आंशिक रूप से सत्य है, क्यों कि जेम्स वेब टेलीस्कोप हब्स अंतरिक्ष दूरबीन से बहुत भिन्न है। दोनों में अलग-अलग क्षमताएं हैं। हबल अंतरिक्ष दूरबीन की बात करें तो इसकी अंतरिक्ष मे स्थापना वर्ष 1990 में पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO)में हुई थी। पिछले 31 वर्षों में, हबल ने 14 लाख निरीक्षण किए हैं, जिसमें तारे के मध्य के पिंडों का अवलोकन, बृहस्पति से टकराने वाले धूमकेतुओं का निरीक्षण और उनकी खोज करना शामिल है। पढ़ना जारी रखें जेम्स वेब अंतरिक्ष दूरबीन ( JWST ) : मानव निर्मित समय यान