फिलीपींस में मिली आदि मानव की नई प्रजाति


हम आधुनिक मानव (होमो सेपियंस) पिछले दस हजार सालों से एकमात्र मानव प्रजाति होने के इस कदर अभ्यस्त हो चुके हैं कि किसी दूसरी मानव प्रजाति के बारे में कल्पना करना भी मुश्किल लगता है। उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के … पढ़ना जारी रखें फिलीपींस में मिली आदि मानव की नई प्रजाति

इंसानी करतूतों से जैव प्रजातियों पर मंडराता लुप्त होने का खतरा


हमारा जैव मंडल एक विशाल इमारत की तरह है। हम इंसान इस इमारत के सबसे ऊपरी मंजिल पर बैठे हैं। अगर हम इस इमारत में से जीवों की कुछ प्रजातियों को मिटा भी देते हैं, तो इमारत से सिर्फ कुछ … पढ़ना जारी रखें इंसानी करतूतों से जैव प्रजातियों पर मंडराता लुप्त होने का खतरा

पृथ्वी की निम्न कक्षा मे अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र

पृथ्वी के उपग्रह और उनकी कक्षायें(Earth Satellite Orbits)


जब भी अंतरिक्ष और उपग्रहो की चर्चा होती है तब बहुत सी कक्षाओं की भी चर्चा होती है जैसे भूस्थानिक कक्षा, ध्रुविय कक्षा। क्या होती है ये कक्षायें ? इनकी आवश्यकता क्या है ? जब आप किसी थियेटर मे को … पढ़ना जारी रखें पृथ्वी के उपग्रह और उनकी कक्षायें(Earth Satellite Orbits)

आसमानी मौत के दूत : संभावित रूप से खतरनाक धूमकेतु और क्षुद्रग्रह


पृथ्वी सूर्य का तीसरा ग्रह और ज्ञात ब्रह्मांड में एकमात्र ग्रह है जहाँ जीवन उपस्थित है। यह सौर मंडल में सबसे घना और चार स्थलीय ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है।रेडियोधर्मी डेटिंग और साक्ष्य के अन्य स्रोतों के अनुसार, पृथ्वी … पढ़ना जारी रखें आसमानी मौत के दूत : संभावित रूप से खतरनाक धूमकेतु और क्षुद्रग्रह

ऋतु परिवर्तन कैसे होता है ?


ऋतु एक वर्ष से छोटा कालखंड है जिसमें मौसम की दशाएँ एक खास प्रकार की होती हैं। यह कालखण्ड एक वर्ष को कई भागों में विभाजित करता है जिनके दौरान पृथ्वी के सूर्य की परिक्रमा के परिणामस्वरूप दिन की अवधि, तापमान, वर्षा, आर्द्रता इत्यादि मौसमी दशाएँ एक चक्रीय रूप में बदलती हैं। मौसम की दशाओं में वर्ष के दौरान इस चक्रीय बदलाव का प्रभाव पारितंत्र पर पड़ता है और इस प्रकार पारितंत्रीय ऋतुएँ निर्मित होती हैं मौसम का अर्थ है किसी स्थान विशेष पर, किसी खास समय, वायुमंडल की स्थिति। यहाँ “स्थिति” की परिभाषा कुछ व्यापक परिप्रेक्ष्य में की जाती … पढ़ना जारी रखें ऋतु परिवर्तन कैसे होता है ?

क्या पृथ्वी का भविष्य शुक्र जैसे भयावह होगा ?


आकार में एक जैसे और अक्सर जुड़वां कहे जाने वाले ग्रह पृथ्वी और शुक्र ग्रह का मूल एक ही हैं, लेकिन बाद में दोनों का विकास एकदम अलग हुआ है। इसमे एक ग्रह एक शुष्क और उष्ण है तो दूसरा … पढ़ना जारी रखें क्या पृथ्वी का भविष्य शुक्र जैसे भयावह होगा ?