पृथ्वी से दूर स्थित अलग-अलग आकाशगंगाओं की रोशनी हम तक लाखों, करोड़ों साल में पहुँचती है। इसीलिए जब हम रात में आसमान को देखते हैं तो हम दरअसल समय की गहराई में झांक रहे होते हैं। नासा की शक्तिशाली हब्बल टेलिस्कोप ने अंतरिक्ष की कई आकाशगंगाओं की तस्वीरों को लेने का अद्भुत काम किया है। कई आकाशगंगाएं इतनी दूर हैं कि उनका प्रकाश हम तक पहुँचने में लाखों साल का समय लेता है। इससे ज़ाहिर है कि हम उस आकाशगंगा को लाखों साल पहले की अवस्था में देख रहे होते हैं।अगर कोई आकाशगंगा एक करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है तो हम उसे एक करोड़ साल पहले की अवस्था में देखते हैं, यह पृथ्वी पर मानव प्रजाति के अभ्युदय से पहले का समय है।
पिनव्हील(Pinwheel) आकाशगंगा का ही उदाहरण देखिए, इसे मेसियर 101 भी कहते हैं। यह पृथ्वी से 2।5 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। यह तस्वीर इस आकाशगंगा की सबसे ज़्यादा विस्तृत तस्वीर है और इसे हब्बल अंतरिक्ष वेधशाला ने लिया है। इस आकाशगंगा के एक कोने पर स्थित तारे की दूरी दूसरे कोने पर स्थित तारे से 1.7 लाख प्रकाश वर्ष है। इससे ज़ाहिर है कि यह हमारी आकाशगंगा के दोगुने आकार की है। ये भी माना जाता है कि इसमें करीब एक ख़रब तारे मौजूद हैं।कुछ ही दूर सोमब्रेरो(sombrero) आकाशगंगा है, जिसे एम 104 भी कहते हैं। यह करीब 2.8 करोड़ प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है। इस आकाशगंगा का फैलाव करीब 50 हज़ार प्रकाश वर्ष है और इसका आकार 800 अरब सूर्यों के आकार जितना है।ये दोनों सर्पिल आकार की आकाशगंगाएं हैं, इन्हें एंटेने(antennae) आकाशगंगा भी कहते हैं। ये एक समय में एक दूसरे से अलग हो गई थीं, लेकिन बाद में एक दूसरे को गुरुत्व से खींचने लगीं। इन दोनों के बीच ये ’खींचतान’ सैकड़ों, लाखों साल पहले शुरू हुआ था। ये पृथ्वी से 4.5 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर हैं और आपस में टकराने वाली आकाशगंगाओं में सबसे नजदीक हैं।यह सर्पिली आकार की आकाशगंगा (एनजीसी 6503) ब्रह्मांड के एक काफ़ी बड़े खाली से दिखने वाले क्षेत्र में स्थित हैं। इसे उस क्षेत्र का ‘शून्य’ भी कहते हैं और ये पृथ्वी से 1.8 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर है। ये तारा-विहीन अंधकार के 15 करोड़ प्रकाशवर्ष तक फैले क्षेत्र में इकलौती मालूम आकाशगंगा है।यहां दो आकाशगंगा एक गुलाब की शक्ल में टकराती हुई दिखाई देती हैं। इसकी रोशनी हम लोगों तक 20 करोड़ प्रकाशवर्ष में पहुंचती है। इन्हें सामूहिक तौर पर एआरपी 273 कहते हैं। दायीं ओर की आकाशगंगा थोड़ी बड़ी है, इसे यूजीसी 1810 कहते हैं। सर्पिल आकार की होने की वजह ये है इसकी साझेदार आकाश गंगा गैलेक्सी यूसीसी 1813। इसमें चमकीला नीला डॉट ये बताता है कि युवा तारे काफी तेज रोशनी के साथ जल रहे हैं।आकाशगंगा एम106 से बड़ी मात्रा में गैस निकलती है। माना जाता है कि ये गैसें इस आकाशगंगा के केंद्र में स्थित बड़े ब्लैक होल में गिर जाती हैं। एम 106 हमसे 2.3 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर है।इसे बौना आकाशगंगा कहते हैं, आई ज़्विकी 18(i zwicky 18)। यह हमारी आकाशगंगा मिल्की वे से भी छोटी है। यह 5.9 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर है।यह दक्षिणी पिनव्हील आकाशगंगा एम 83 का क्लोज़-अप है। इस आकाशगंगा में हमारी मंदाकीनी(मिल्की वे) आकाशगंगा की तुलना में तेजी से तारे बनते हैं। इसमें लाल रंग वाले तारे नए हैं जबकि कुछ तारे कुछ लाख साल पुराने। एम83 हमसे 1.5 करोड़ प्रकाशवर्ष की दूरी पर स्थित है।सक्रिय आकाशगंगा एम 82 की यह संयुक्त तस्वीर है, जो अलग अलग अंतरिक्ष वेधशाला से ली गई तस्वीरों को मिलाकर बनी है। अलग अलग अंतरिक्ष वेधशाला हैं- हब्बल, चंद्रा एक्स रे ऑब्जरवेटरी और स्पिटज़र स्पेस अंतरिक्ष वेधशाला। यह पृथ्वी से 1.15 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर है। ये हमारे मिल्की वे से सबसे नज़दीकी आकाशगंगा है।यह आकाशगंगा है एनएचसी 1275। इसके केंद्र में महाकाय श्याम विवर( ब्लैक होल) है। इस ब्लैक होल के चलते इससे काफी शक्तिशाली एक्स-रे निकलती हैं, जिन्हें अब हम 23 करोड़ साल बाद देख पा रहे हैं।यह अंतरिक्ष की सबसे घनी आकाशगंगा है। एम60-यूसीडी1 नामक आकाशगंगा का वजन हमारे सूर्य से 20 करोड़ गुना ज़्यादा है और यह पृथ्वी से करीब 5.4 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है।
Sab kuchh ek sath parkat huwa h niymo me bandh kar dekhane se lgta h ki brahmand ka vistar ho rha h
Niyàm mukt cheez ko niyam me bandh kr nhi jaan skate such yhi h ki niymo me bandh kr sab kuchh nhi jaan skte reply please
Sab kuchh ek sath parkat huwa h niymo me bandh kar dekhane se lgta h ki brahmand ka vistar ho rha h
Niyàm mukt cheez ko niyam me bandh kr nhi jaan skte
sir C.N.G. kya h aur isse vahan kaise chalte h Maine pada h ki kuch saal pahle kafi lokpriya that CNG station Par lambi line lagti thi kya iska dezal ki jagah use kr sakte h
संपीडित प्राकृतिक गैस (अंग्रेज़ी – CompressedNatural Gas, संक्षेप में CNG, सीएनजी) प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ज्वलनशील गैस को अत्यधिक दबाब के अन्दर रखने से बने तरल को कहते हैं। इस गैस को वाहनों में प्रयोग करने के लिए २०० से २५० किलोग्राम प्रति वर्ग से.मी. तक दबाया जाता है। प्राकृतिक गैस को दबाकर कम करने का प्रमुख उद्देश्य यह है कि यह आयतन कम घेरे और इंजन के दहन प्रकोष्ठ में उपयुक्त दाब के साथ प्रवेश करे। चूंकि यह प्राकृतिक गैस का ही संपीड़ित रूप है, इसलिए सीएनजी का रासायनिक संगठन भी वही होता है, जो बगैर दबाई गई गैस का होता है। प्राकृतिक गैस की तरह सी.एन.जी के अवयव हैं,मीथेन, ईथेन और प्रोपेन। प्राकृतिक गैस की तरह सी.एन.जी. भी रंगहीन, गंधहीन और विषहीन होती है।
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द्वारा प्रकाशित
आशीष श्रीवास्तव
सूचना प्रौद्योगिकी में 22 वर्षों से कार्यरत। विज्ञान पर शौकिया लेखन : विज्ञान आधारित ब्लाग 'विज्ञान विश्व' तथा खगोल शास्त्र को समर्पित 'अंतरिक्ष' । एक संशयवादी (Skeptic) व्यक्तित्व!
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shandar h , khoobsurat galaxies
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Sir I,m Anuj sir mera sawal yah hai ki jeevon ki aadharbhut ikai kya hai
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स्वयं की प्रतिकृति बना सकने वाले अणु जैसे DNA.
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Karoro saal pahle ki ghatna ham aaj dekh sakte h shayad future me possible ho
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Sab kuchh ek sath parkat huwa h niymo me bandh kar dekhane se lgta h ki brahmand ka vistar ho rha h
Niyàm mukt cheez ko niyam me bandh kr nhi jaan skate such yhi h ki niymo me bandh kr sab kuchh nhi jaan skte reply please
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Sab kuchh ek sath parkat huwa h niymo me bandh kar dekhane se lgta h ki brahmand ka vistar ho rha h
Niyàm mukt cheez ko niyam me bandh kr nhi jaan skte
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sir C.N.G. kya h aur isse vahan kaise chalte h Maine pada h ki kuch saal pahle kafi lokpriya that CNG station Par lambi line lagti thi kya iska dezal ki jagah use kr sakte h
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संपीडित प्राकृतिक गैस (अंग्रेज़ी – CompressedNatural Gas, संक्षेप में CNG, सीएनजी) प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ज्वलनशील गैस को अत्यधिक दबाब के अन्दर रखने से बने तरल को कहते हैं। इस गैस को वाहनों में प्रयोग करने के लिए २०० से २५० किलोग्राम प्रति वर्ग से.मी. तक दबाया जाता है। प्राकृतिक गैस को दबाकर कम करने का प्रमुख उद्देश्य यह है कि यह आयतन कम घेरे और इंजन के दहन प्रकोष्ठ में उपयुक्त दाब के साथ प्रवेश करे। चूंकि यह प्राकृतिक गैस का ही संपीड़ित रूप है, इसलिए सीएनजी का रासायनिक संगठन भी वही होता है, जो बगैर दबाई गई गैस का होता है। प्राकृतिक गैस की तरह सी.एन.जी के अवयव हैं,मीथेन, ईथेन और प्रोपेन। प्राकृतिक गैस की तरह सी.एन.जी. भी रंगहीन, गंधहीन और विषहीन होती है।
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sir kaun sa din aur samay aapse question puchhne ke liye jyada sahi hoga jisse apko kisi prakar ki paresani na ho
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रामकृपाल, ऐसा कोई विशेष समय नही है। मुझे जब अपने कार्य से समय मिलता है मै उत्तर दे देता हुं। लेकिन कोई विशेष दिन या समय नही होता है।
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Reblogged this on oshriradhekrishnabole.
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