ब्रह्माण्ड का अंत : अब से 22 अरब वर्ष पश्चात


जो भी कुछ हम जानते है और उसके अतिरिक्त भी सब कुछ एक महाविस्फोट अर्थात बिग बैंग के बाद अस्तित्व मे आया था। अब वैज्ञानिको के अनुसार इस ब्रह्मांड का अंत भी बड़े ही नाटकीय तरिके से होगा, महाविच्छेद(The Big Rip)

ये नये सैद्धांतिक माडेल के अनुसार ब्रह्मांड के विस्तार के साथ, सब कुछ, आकाशगंगाओं से लेकर, ग्रह, तारे, परमाण्विक कण से लेकर काल-अंतराल (Space-Time)तक अंततः दृश्य से बाहर होने से पहले विदीर्ण हो जायेंगे!

अभी से घबराने की बात नही है लेकिन इस महा-भयानक प्रलयंकारी घटना का प्रारंभ अब से 22 अरब वर्ष बाद होगा।

सं रा. अमरीका की वांडेरबिल्ट विश्वविद्यालय टेनेसी(Vanderbilt University Tennessee) के गणितज्ञ डा मार्शेलो डिस्कोंजी (Dr Marcelo Disconzi)के अनुसार :

“महाविच्छेद के सिद्धांत के अनुसार अंततोगत्वा पदार्थ का निर्माण करने वाले कण भी एक दूसरे से अलग होना प्रारंभ कर देंगे, परमाणु भी विदीर्ण हो जायेंगे, सब कुछ बिखर जायेगा और यह एक बहुत ही सनसनीखेज नाटकीय घटना होगी।”

वैज्ञानिक अब लगभग एकमत है कि ब्रह्माण्ड का जन्म अब से 13.8 अरब वर्ष पहले एक महाविस्फोट अर्थात बिग बैंग मे हुआ था, जिसके अनुसार ब्रह्माण्ड ने एक अत्याधिक घनिभुत बिंदु से प्रारंभ कर विस्तार करते हुये आज वर्तमान आकार प्राप्त किया है।

लेकिन ब्रह्माण्ड के अंत के बारे मे वैज्ञानिक अभी भी एक मत नही है, और वादविवाद चलते रहता है।

डाक्टर डिस्कोंजी के अनुसार

” हम यह तय रूप से जानते है कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है और इस विस्तार की गति मे वृद्धि हो रही है। बस यही तथ्य है, जिसमे कोई वाद विवाद नही है।”

इस विषय पर नयी शोधो के अनुसार ब्रह्मांड के विस्तार की गति मे यह वृद्धि उस बिंदु तक जारी रहेगी अब अंतरिक्ष का हर बिंदु दूसरे बिंदु से अनंत गति से दूर होने लगेगा और उसी क्षण महाविच्छेद होगा!

डाक्टर डिस्कोंजी कहते है कि

“गणितिय रूप से हम इस घटना का अर्थ जानते है लेकिन भौतिक रूप मे पूर्ण रूप से समझना कठीन है।”

विस्तार करते हुये ब्रह्माण्ड के प्रमाण, दूरस्थ सुपरनोवाओं के निरीक्षण से प्राप्त हुये है। वे जितनी दूरी पर होते है, उतने ही ज्यादा लाल दिखायी देते है, क्योंकि उनसे निकलने वाला प्रकाश अंतरिक्ष की यात्रा करते हुये हम तक पहुंचते पहुंचते फैल जाता है, इस घटना को “लाल विचलन(Red Shift)” कहते है।

ब्रह्माण्ड के विस्तार की गति मे हो रही वृद्धि को समझने के लिये वैज्ञानिक श्याम ऊर्जा(Dark Energy) को उत्तरदायी मानते है, जोकि ब्रह्माण्ड की कुल मात्रा का 70% भाग है।

डरहम विश्वविद्यालय(University of Durham) के खगोल वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर कार्लोस फ़्रेंक( Professor Carlos Frenk) के अनुसार ” भौतिक वैज्ञानिक अपनी अनभिज्ञता को छुपाने के लिये रहस्यमय नाम रखते है। हमारे पास श्याम ऊर्जा की व्याख्या करने के लिये अभी कुछ नही है।”

ब्रह्माण्ड के विस्तार की गति मे वृद्धि होते रहेगी या इस विस्तार की गति थम जायेगी, इसका नतिजा दो ब्रह्माण्डीय शक्तियों मे चल रहे महायुद्ध के नतीजे पर निर्भर करेगा।

एक योद्धा श्याम ऊर्जा है जो ब्रह्माण्ड को विस्तार दे रही है, दूसरा योद्धा गुरुत्वाकर्षण है जो ब्रह्माण्ड को वापस सिकोड़ना चाहता है। दोनो मे युद्ध जारी है, प्रश्न यह है कि विजेता कौन होगा ?

यदि गुरुत्वाकर्षण जितेगा तो ब्रह्माण्ड का अंत महा-संकुचन(Big Crunch) के रूप मे होगा जिसमे सारा ब्रह्माण्ड गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से सिकुड़ना प्रारंभ करेगा और वापस एक बिंदु के रूप मे संपिडित हो जायेगा। यह प्रक्रिया बिग बैंग/महाविस्फोट की विपरीत प्रक्रिया होगी। ठीक उसी तरह जब आप किसी विडियो को उल्टा(Reverse) देखते है।

श्याम ऊर्जा के विजेता होने की स्थिति मे महा-विच्छेद होगा, सभी पिंड, सभी पदार्थ , सभी परमाणु विदिर्ण हो जायेंगे।

दोनो का महायुद्ध टाई होने पर, एक भिन्न अंत होगा, जिसके अनुसार ब्रह्माण्ड शीतल होकर अपनी मृत्यु को प्राप्त होगा। इसके अनुसार ब्रह्मांड का विस्तार इतना हो जायेगा कि नये तारो के जन्म के लिये गैसो का घनत्व पर्याप्त नही होगा। पुराने तारो की मृत्यु के पश्चात नये तारों का निर्माण नही होगा, उष्मा/ऊर्जा का निर्माण बंद हो जायेगा। ब्रह्माण्ड इतना शीतल हो जायेगा कि परमाणु तथा अन्य परमाण्विक कण गति बंद कर देंगे और समय का भी अर्थ समाप्त हो जायेगा।

लेकिन फिजिक्स रीव्यु मे प्रकाशित शोधपत्र के अनुसार इस महायुद्ध मे श्याम ऊर्जा/डार्क ऊर्जा की विजय होगी, अर्थात महाविच्छेद!

डाक्टर डिस्कोंजी के अनुसार यह समीकरणो का सबसे प्राकृतिक निष्कर्ष है।

इसे समझने के लिये आप एक कार की कल्पना करे कि वह 10 किमी/घंटा से जा रही है और हर किमी के बाद अपनी गति मे 10 किमी/घंटा की वृद्धि करती है। उसके बाद उसकी गति मे 10 किमी/घंटा की वृद्धि आधे किमी पर, कुछ समय बाद चौथाई किमी पर, अंत मे कुछ मिटर पर होती है। इस स्थिति मे कार का अगला बंपर और पिछला बंपर अलग हो जायेगें क्योंकि अब कार की गति मे वृद्धि उनके मध्य की दूरी से कम मे ही हो रही है। कुछ समय बाद उस कार का हर हिस्सा एक दूसरे से अलग हो जायेगा।

यह घटना ब्रह्माण्ड मे होगी या नही होगी ? उसका उत्तर श्याम ऊर्जा के सूदूर भविष्य पर निर्भर है। और यह उत्तर पूर्ण रूप से एक परिकल्पना/अटकलबाजी है।

वर्तमान निरीक्षण और प्रमाण सभी के सभी इशारा कर रहे है कि अंतत: श्याम ऊर्जा की विजय होगी और इसका अंत महाविच्छेद के रूप मे होगा, जिसमे ब्रह्मांड विदिर्ण होकर अदृश्य हो जायेगा।

27 विचार “ब्रह्माण्ड का अंत : अब से 22 अरब वर्ष पश्चात&rdquo पर;

  1. सर matrix theory के बारे में सुना है आपने
    इसके अनुसार हमारा ब्रह्माण्ड एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर हो सकता है । कृपया इस विषय पर एक लेख लिखे

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    1. सुयश, बिग बैंग से ही अंतरिक्ष और समय की उत्पत्ति हुयी है। उसके पहले समय ही नही था, इस तरह से ’बिग बैंग’ के पहले कुछ नही था।
      बिग बैंग क्यों हुआ , हम नही जानते है। शायद भविष्य मे जान पाये। लेकिन जो भी कुछ हुआ होगा वह भौतिकी के नियमो के अनुसार हुआ होगा।

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  2. आशीष जी मेरे हिसाब से ब्रम्हांड पहले संकुचित हुआ था और इसके बाद इसका विस्तार हुआ जो की अब तक जारी है जैसे किसी बड़े गुब्बारे को दबा कर उसे फिर छोड़ दिया जाये तो वह कुछ देर के लिए बड़ा होकर पुनः अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाता है!

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  3. आशीष जी, हो सकता है की महा विस्फोट अभी अपने मध्य स्थिति तक आया ही ना हो । अभी विस्फोट का असर हो ही रहा हो जिससे की विस्तार की गति बढ़ रही हो ।
    जैसे किसी बम को फोड़ा गया हो ओर वो अभी फूट ही रहा हो ।
    श्याम ऊर्जा का तो हमे अभी तक कोई सुराग मिला ही नही है ।

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    1. जीस तरह से समस्त ब्रह्माड मे तापमान एकसार है, पदार्थ का घनत्व एक सार है, उससे नही लगता कि अभी महा विस्फोट अभी अपने मध्य स्थिति तक आया ही ना हो । आप जो समय कह रहे है उसे इन्फ़्लेशन काल कहते है, वह कब का समाप्त हो चुका है.

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  4. वैसे आशीष जी मुझे नही लगता की ब्रह्माण्ड का विस्तार ऐसे ही चलता रहेगा । मैं तो मानता हूँ की एक दिन विस्तार इतना धीमा हो जायेगा की गुरुत्वाकर्षण अपना काम शुरू करेगा और फिर वही महा संकुचन शुरू हो जायेगा ।

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    1. अभी तक के जितने भी निरीक्षण और प्रमाण मीले है, वह कह रहे हैं कि विस्तार की गति बढ़ रही है। यदि श्याम ऊर्जा अपना रूप बदले तभी संकुचन संभव है

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  5. आशीष जी , कृपया अपने इस वाक्य को सही कीजिए की ब्रह्माण्ड का जन्म अब से 13.8 वर्ष पहले हुआ था ।
    आप इसमे अरब लिखना भूल गए है ।

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