हब्बल अंतरिक्ष वेधशाला

हब्बल अंतरिक्ष वेधशाला चित्र कैसे लेती है?


दृश्य प्रकाश के रंग और विद्युत चुंबकिय विकिरणअंतरिक्ष ब्लाग पर आपने ब्रह्मांडीय पिंडो की खूबसूरत तस्वीरे देखी होंगी। इन अद्भुत ,विहंगम ,नयानाभिराम चित्रो और उनके मनमोहक रंगो, आकृतियों को देखकर विश्वास नही होता कि ब्रह्माण्ड मे रंगो की छटा इस तरह बिखरी पड़ी है।

आईये जानते है कि यह चित्र कैसे लिए जाते है ? क्या इन चित्रो के रंग वास्तविक होते है ?

रंग क्या होते है ?

हम जानते है कि प्रकाश विभिन्न रंगों के मिश्रण के से बना है। दृश्य प्रकाश अर्थात वह प्रकाश जिसे हमारी आंखे देख सकती है या महसूस कर सकती है, वास्तविकता मे विद्युत चुंबकिय विकिरण के वर्णक्रम(Electromagnetic Radiation Spectrum) का एक छोटा सा भाग है। इस दृश्य प्रकाश मे भिन्न भिन्न आवृत्ती वाली तरंगे होती है, हमारी आंखे हर आवृत्ती की तरंगो को एक अलग रंग मे देखती है। मोटे तौर पर हम उन्हे सात रंग मे बांटते है जो कि लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला, बैंगनीहैं। इनमे से लाल रंग की आवृत्ती सबसे कम और बैंगनी रंग की आवृती सबसे ज्यादा होती है। वास्तविकता मे रंगो की संख्या अनगिनत है, मानव आंखे भी लाखो रंगो को देखने मे समर्थ है।

दृश्य प्रकाश के रंग और विद्युत चुंबकिय विकिरण
दृश्य प्रकाश के रंग और विद्युत चुंबकिय विकिरण

मोटे तौर पर हम कह सकते है कि रंग दो प्रकार के हो सकते है :

  1.  दृश्य प्रकाश के रंग : लाल और बैगनी रंग के मध्य के सभी रंग। इन्हे हम देख सकते है। इन रंगो के लांखो शेड है लेकिन मूल रूप से तीन ही रंग माने गये है,लाल, हरा और नीला।
  2.  दृश्य प्रकाश बाह्य रंग : इन्हे हम देख नही सकते। जब हम इन्हे देख नही सकते तो हमे पता कैसे चलेगा कि इनका आस्तित्व है ? एक तरीका फोटोग्राफीक प्लेट का है, जिसमे किसी भी विकिरण के पड़ने पर वह भाग काला हो जाता है। एक्स रे तस्वीर तो आपने देखी ही होगी। एक्स रे मानव आंखो की क्षमता के बाहर है साथ ही अधिक मात्रा मे यह हानिकारक भी है।) दूसरा तरीका है कि अदृश्य प्रकाश की एक विशेष आवृत्ती को लिए दृश्य प्रकाश के एक रंग से बदल दिया जाये। इससे जो चित्र बनेगा वह वास्तविक तो नही होगा लेकिन हमारे अध्यन के लिए पर्याप्त होगा जैसे एक्स रे चित्र। किसी काले-सफेद कैमरे से लिए गये चित्र मे भी विभिन्न रंगो को काले और सफेद के मध्य के विभिन्न शेडो से बदल दिया जाता है।

हब्बल अंतरिक्ष वेधशाला चित्र कैसे लेती है ?

हब्बल दूरबीन द्वारा लिये गये मूल चित्र
हब्बल दूरबीन द्वारा लिये गये मूल चित्र

हब्बल अंतरिक्ष वेधशाला से चित्र लेना किसी साधारण रंगीन कैमरे से चित्र लेने से कंही ज्यादा जटिल है। हब्बल रंगीन फिल्म का प्रयोग नही करता है। तथ्य यह है कि हब्बल फिल्म का प्रयोग ही नही करता है। इसके कैमरे ब्रह्माण्ड के प्रकाश को अपने विभिन्न इलेक्ट्रानिक उपकरणो के प्रयोग से दर्ज करते है। ये इलेक्ट्रानिक उपकरण इन ब्रह्माण्डीय चित्रो को रंगीन की बजाये काले-सफेद के मध्य के शेडो मे बनाते है।

अंतिम रंगीन चित्र वास्तविकता मे दो या दो से ज्यादा श्वेत-श्याम चित्रो के मिश्रण से निर्मित होते है, जिनमे चित्र के संसाधन(Image Processing) के दौरान रंग जोड़े जाते है।

हब्बल के चित्रो के रंग को विभिन्न कारणों से निर्धारित किया जाता है। कुछ स्थितियो मे ये चित्र किसी अंतरिक्ष यान की यात्रा से देखी गयी छवि से भिन्न हो सकते है। ऐसा इसलिये है कि हम रंगो को उस पिंड की विभिन्न विशेषताओं को उभार कर दिखाने के लिये एक उपकरण की तरह प्रयोग करते है क्योंकि मानव आंखे सभी रंगो को देख पाने या उनमे अंतर कर पाने मे असमर्थ होती है।

एक साधारण चित्र मे हब्बल लाल, हरे और निले फिल्टरो मे से एक समय मे एक फिल्टर का प्रयोग कर तीन श्वेत श्याम चित्र लेता है। इसके बाद दृश्य चित्र अर्थात आंखो से दिखायी देने वाले दृश्य के निर्माण के लिए इन श्वेत श्याम चित्रो मे रंगो का निर्धारण होता है। लाल फिल्टर से लिए गये चित्र मे लाल रंग दिया जाता है, हरे फिल्टर के वाले चित्र लिये हरा, निले फिल्टर वाले चित्र के लिए निला। अंत मे इन तीनो चित्रो के मिश्रण से अंतिम चित्र बनता है। यह चित्र उस पिंड की वास्तविक दृश्य छवी के समीप होता है।

रंगो का एक उपकरण की तरह प्रयोग कर चित्रो का निर्माण

हब्बल दूरबीन द्वारा लिए गये संसाधित चित्र
हब्बल दूरबीन द्वारा लिए गये संसाधित चित्र

हब्बल के चित्रो मे रंगो का प्रयोग ब्रह्माण्डीय पिंडो के विशिष्ट गुणधर्मो को उभारने के लिए भी किया जाता है। इन रंगो को विभिन्न श्वेत श्याम चित्रो मे जोड़ा जाता है जिनके मिश्रण से अंतिम चित्र बनता है।

मौलिक श्वेत-श्याम चित्रों से रंगीन चित्रो का निर्माण विज्ञान के अतिरिक्त कला का प्रयोग है।

रंगो का प्रयोग निम्नलिखित कार्यो के लिए किया जाता है:

  1. यदि हमारी आंखे हब्बल दूरबीन के जैसे शक्तिशाली हो तो कोई अंतरिक्ष पिंड कैसे दिखेगा।
  2. किसी ब्रह्मांडीय पिंड के उन गुणधर्मो को देखना जिसे मानव आंखो से देखा नही जा सकता।
  3. किसी पिंड की परिष्कृत छवि का निर्माण

किसी पिंड के चित्र को संसाधित करते समय मुख्यत:  तीन तरह से रंगो का चयन किया जाता है।

प्राकृतिक रंग : इन रंगो का चयन मानव आंखो को ध्यान मे रख कर किया जाता है। इन रंगो के चयन से निर्मित अंतिम छवि, उस पिंड पर अंतरिक्ष यान द्वारा यात्रा कर आंखो देखी छवि के करीब होती है।

प्रतिनिधी रंग: इस विधि मे रंगों का चयन मानव आंखों द्वारा न देखे जा सकने वाले गुणों के चित्रण के लिए किया जाता है। जैसे अवरक्त किरणो से प्राप्त छवि उस पिंड के विभिन्न भागो के तापमान को दर्शाती है। यह छवि वास्तविक छवी से भिन्न होती है। छद्म रंग छवि (False Color Image)  भी कहते है। श्वेत श्याम चित्र या एक्स रे छवि इसका एक उदाहरण है। मौसम समाचारो मे पृथ्वी के विभिन्न भागो मे तापमान का अंतर दर्शाने इसी का प्रयोग किया जाता है।

उन्नत रंग: किसी पिंड की संरचना दर्शाने के लिए इस विधी का प्रयोग किया जाता है। रंगो का चयन इस तरह से किया जाता है कि कुछ विशिष्ट गुण उभर कर दिखें।

प्राकृतिक रंग, प्रतिनिधि रंग तथा उन्नत रंग
प्राकृतिक रंग, प्रतिनिधि रंग तथा उन्नत रंग

अगले भाग मे :

भाग 2 : हब्बल दूरबीन द्वारा प्रकाश और फिल्टरो का प्रयोग
भाग 3 : प्राकृतिक, प्रतिनिधि तथा उन्नत रंग

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