विपरीत दिशा मे परिक्रमा करता विचित्र ग्रह


WASP17 तारे की परिक्रमा मे WASP17b ग्रह (कल्पना)
WASP17 तारे की परिक्रमा मे WASP17b ग्रह (कल्पना)

वैज्ञानिको ने हाल मे वृश्चिक तारामंडल के एक तारे WASP-17 की परिक्रमा करते हुये ग्रह WASP-17b के बार मे एक विचित्र तथ्य का पता चला है। यह ग्रह अपने तारे की विपरित दिशा से परिक्रमा कर रहा है।

यह ग्रह एक गैस महाकाय है और पृथ्वी से 1000 प्रकाशवर्ष दूर है। 2009 मे WASP17b ग्रह जब अपने तारे और पृथ्वी के मध्य आया था जिससे इस ग्रह के द्वारा उत्पन्न ग्रहण के फलस्वरूप इसके मातृ तारे के प्रकाश मे कमी आयी थी। मातृ तारे के प्रकाश मे आयी इस कमी से इस ग्रह की खोज हुयी थी। WASP17b का द्रव्यमान बृहस्पति से आधा है लेकिन इसका व्यास बृहस्पति से दुगुणा है अर्थात इसका घनत्व काफी कम है। यह ग्रह अपने मातृ तारे से सिर्फ ७० लाख किमी दूर है अर्थात बुध से सूर्य की दूरी का आंठ गूणा कम ! यह अपने मातृ तारे की परिक्रमा केवल 3.7 दिन मे करता है।

WASP-17 तारे का घूर्णन और WASP-17b ग्रह की परिक्रमा की दिशा
WASP-17 तारे का घूर्णन और WASP-17b ग्रह की परिक्रमा की दिशा

सामान्यतः ग्रह अपने तारे के घूर्णन की दिशा मे ही घूर्णन तथा परिक्रमा करते है।  वैज्ञानिक इस ग्रह की ऐसी असामान्य परिक्रमा की दिशा की व्याख्या नही कर पा रहे है लेकिन उनके अनुसार ऐसा उस ग्रह के किसी और ग्रह से टकराने के पश्चात संभव है। किसी और महाकाय ग्रह से टक्कर होने के पश्चात ग्रह की परिक्रमा की दिशा बदल सकती है। दूसरे संभव कारण मे यह ग्रह किसी और तारे के गुरुत्व से मुक्त होकर WASP-17 के गुरुत्व की चपेट मे आ गया होगा। इस असामान्य परिक्रमा की दिशा को बाज़ू मे दिखाये गये चित्र मे देखा जा सकता है।

हमारे सौर मंडल मे सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा घड़ी के कांटो की विपरीत दिशा मे करते है, जो कि सूर्य के घूर्णन भी दिशा है। यह दिशा पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के उपर से देखने से है। शुक्र और युरेनस को छोड़ कर सभी ग्रहो का घूर्णन भी इसी दिशा मे है। लेकिन शुक्र और युरेनस बाकि ग्रहो के विपरीत घड़ी के कांटो की दिशा मे घूर्णन करते है। कुछ क्षुद्रग्रह(लगभग 20) भी विपरीत दिशा मे परिक्रमा करते पाये गये है जो कि उनके आपस मे टकराने से संभव है।

3 विचार “विपरीत दिशा मे परिक्रमा करता विचित्र ग्रह&rdquo पर;

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